Monday, February 12, 2024

Accept what you can't change

                      जो मिला हैं उसे स्वीकार करो 

 " आपके जीवन मे केवल दो ही विकल्प है 
१) स्वीकार करो 
          या 
 २)बदल ने  का प्रयास 

तो इसे स्वीकार करने की कोशिश करें जो आप नहीं बदल सकते, और जो आप स्वीकार नहीं कर सकते हैं उसे बदलने का प्रयास करें। " 
प्रकृति से मनुष्य बहुत कुछ सिख सकता है करोना ने हमे सिखाया हे जीवन में जब अंधकार छा जाये, कुछ दिखाई न दे तो व्यर्थ कोशिश करने के बजाय एक -एक कदम सावधानी से चलना चाहिए। मुश्केली के साथ कैसे जीना है वो पूरी दुनिया को करोना ने  सीखा दिया है। अपने जीवन में जो भी आए उसे स्वीकार करो ऐसा कोई भी इस दुनिया में नहीं है जिसे दुःख न हो ! बस उस दुःख को हम अपने मन से कितना स्वीकार करते है उस पर हम खुश या दुःखी जीवन जी सकते है. जहा स्वीकार की शक्ति होती है वहा दुःख हलका हो जाता है और जहा प्रतिकार होता है वहा जीवन जीना दुखी हो जाता है। संकट आये तो स्वीकार करो, नुकशान हो तो स्वीकार करो फायदा हो तो स्वीकार करो, मन अगर स्वीकार करना सीख लेगा तो आप को कोई दुःखी नहीं कर सकता। मन के अज्ञानता से हम दुःखी होते है, कोई हमे दुःखी नहीं कर सकता हम खुद के अज्ञानता से ही दुःखी होते है.
छोटा सा उदारण देती हु जैसे हम अगर गुरु के पास जाते हे तो हम नीचे बैठ कर वंदन करते है, क्योकि मन को पता है की गुरु के पास जाये तो हमारी जगह उनके चरणों में है हमे नीचे बेठ के आर्शीवाद लेना है। यहाँ पे मन ने पहले से स्वीकार कर लिया है की हमारी जगह कहा पे है। .... पर हम किसी के घर जाये और उसके घर सोफा हो फिर भी वो हमें नीचे बिठाये तो !! तो हमे बुरा लगता हे। ..... पर सोचो बात तो वहीं है। ... पर आपके मन को स्वीकार नहीं है, जेसे हमारे मन ने पहले से स्वीकार किया हे की काहपे बैठ ना है और काहपे नहीं, गुरु के पास नीचे बैठना मन को स्वीकार है, पर कही पे मन स्वीकार नहीं कर सकता इस लिए हम दुःखी होते है.
सब मन का खेल है तन से ज्यादा मन की बीमारी का कोई इलाज नहीं होता,अगर कुछ बुरा हो रहा है तो उसे हम बदल नहीं सकते पर उसे स्वीकार करके जीवन को खुशी से जी सकते हे। क्योकि जीवन तो दुःख से भरा है हमें अपनी खुशी, अपना जीवन खुद चुनना है.
एक माँ बच्चे को जन्म देती है और वो बच्चा जन्म से चल नहीं सकता तो उसे हम बदल नहीं सकते पर कोशिश कर सकते है.. अपने प्यार से,अच्छे डॉ को दिखा के, अच्छा इलाज करके हम पुरी कोशिश कर सकते है, समय को हम बदल नहीं सकते पर जो है ,उसे स्वीकार करके जीवन को थोड़ा सा बदल सकते है... थोड़ी सी खुशी खुद को और दुसरो को भी दे सकते है.
ये जिंदगी जो आप अभी जी रहे है, वो बहोत से लोगो के लिए ये अभी भी सपना है। 
अधिक ध्यान उस पर दो जो आपके पास है, उस पर नहीं जो आपके पास नहीं है! 
जिंदगी में तो कठिनाईया आती ही रहती है। ... और ऐसा भी नहीं होता जो हमे चाहिए वो हमे मिलता ही हे तो हमे हमारे पास जो है उसे स्वीकार कर के खुश रहना सीखना है नहीं तो कभी -कभी जो हमारे पास है वो भी चला जायेगा।

जीवन में हम "कुछ "बदल सकते है पर "सब कुछ" नहीं !









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